9 सितंबर 2025 को कतर की राजधानी दोहा में इजरायल द्वारा हमास नेताओं पर हवाई हमला किए जाने के बाद मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ गया है। इजरायल ने ऐसे स्टील्थ और रडार से बचने वाले हथियारों का इस्तेमाल कर हमास के वरिष्ठ नेताओं को निशाना बनाया, जिससे कतर की संप्रभुता को नुकसान पहुंचा और गाजा युद्धविराम वार्ता प्रभावित हुई। हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि कतर और इजरायल के बीच सीधी सैन्य जंग की संभावना कम है।
इस हमले में इजरायल ने दोहा के वेस्ट बे लैगून और कटारा इलाके में 15 फाइटर जेट्स और कई म्यूनिशन्स का इस्तेमाल कर हमास के मुख्य नेताओं को निशाना बनाया। हमले में खलिल अल-हय्या का बेटा और कुछ छोटे स्तर के सदस्य मारे गए, लेकिन बड़े नेता सुरक्षित बच निकले। कतर ने इसे आतंकवाद और अपनी संप्रभुता का उल्लंघन बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में शिकायत दर्ज कराई है।
सैन्य क्षमता की दृष्टि से इजरायल कतर से कई गुना ताकतवर है। 2025 ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में इजरायल 15वें स्थान पर है जबकि कतर 62वें स्थान पर। इजरायल के पास F-35 स्टील्थ जेट, न्यूक्लियर हथियार और आयरन डोम जैसे उन्नत रक्षा सिस्टम हैं, जबकि कतर के पास सीमित सैन्य संसाधन हैं।
कतर की असली ताकत उसकी कूटनीति में है। अमेरिका का अल उदेद एयर बेस कतर की सुरक्षा में अहम भूमिका निभाता है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमले की निंदा की लेकिन सैन्य हस्तक्षेप से इनकार किया। वहीं, सऊदी अरब, यूएई, जॉर्डन, तुर्की और ईरान ने भी हमले की निंदा की, हालांकि सैन्य समर्थन मिलने की संभावना कम बताई जा रही है।
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने हमले की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि “हमास के आतंकवादी कहीं भी छिप नहीं सकते।” उन्होंने इसे 7 अक्टूबर 2023 के हमले का जवाब बताया। वहीं, कतर ने कानूनी और कूटनीतिक रास्ते अपनाने का फैसला किया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इजरायल ने डेलिलाह क्रूज मिसाइल जैसी स्टैंड-ऑफ मिसाइलों का उपयोग कर दूर से हमला किया, जिससे कतरी रडार इसे पहचान नहीं सके। इस हमले ने क्षेत्रीय स्थिरता को प्रभावित किया है और गाजा युद्धविराम वार्ता पर बड़ा संकट पैदा किया है।
हालांकि कतर और इजरायल के बीच जंग की संभावना कम है, लेकिन इस घटना ने मध्य-पूर्व में कूटनीतिक तनाव बढ़ा दिया है। संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने हमले की निंदा की है और क्षेत्रीय शांति बनाए रखने की अपील की है।